नई दिल्ली, भारतीय कुश्ती को एक बार फिर गर्व का क्षण मिला है। विश्वजीत मोरे ने वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में अपने दमदार प्रदर्शन से भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया। यह जीत न केवल मोरे के लिए व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि भारतीय कुश्ती की निरंतर प्रगति और अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी बढ़ती साख का प्रतीक भी है।
पहलवान विश्वजीत मोरे ने सर्बिया के नोवी सैड शहर में चल रही अंडर-23 सीनियर वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। उन्होंने 55 किलोग्राम ग्रेको-रोमन वर्ग में यह उपलब्धि हासिल की और भारत के लिए इस चैंपियनशिप का पहला मेडल अपने नाम किया।
उन्होंने कजाकिस्तान के पहलवान को 5-4 के करीबी अंतर से हराया। पूरे मुकाबले में उन्होंने आक्रामक खेल और मजबूत डिफेंस का शानदार मिश्रण पेश किया।
क्वार्टर फाइनल में मोरे को हार का सामना करना पड़ा विश्वजीत ने अपने अभियान की शुरुआत रोमानिया के पहलवान पर जीत से की। इसके बाद उन्होंने अमेरिका के पहलवान को टेक्निकल सुपीरियॉरिटी से हराते हुए अगले दौर में जगह बनाई।
क्वार्टर फाइनल में उनका सामना UWW पहलवान अलीबेक से हुआ, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन अलीबेक के फाइनल में पहुंचने के कारण विश्वजीत को रिपेचेज राउंड में वापसी का मौका मिला।
रिपेचेज मुकाबले में जॉर्जिया के पहलवान को हराया रिपेचेज मुकाबले में विश्वजीत ने जॉर्जिया के पहलवान को एकतरफा अंदाज में हराया। उन्होंने शानदार तकनीक और ताकत का प्रदर्शन करते हुए मुकाबला तकनीकी श्रेष्ठता से जीता और ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में जगह बनाई।
भारतीय कुश्ती महासंघ और खेल मंत्रालय ने विश्वजीत मोरे को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई दी। यह पदक युवा पहलवानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा और देश में कुश्ती को नई ऊर्जा और दिशा देगा।
भारत अब वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है, और मोरे की यह उपलब्धि आने वाले ओलंपिक खेलों के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।