भाई दूज: प्रेम, सुरक्षा और आशीर्वाद का पावन पर्व

लेखिका – अल्पना नरेन (Astrologer, Numerologist & Occult Science Expert)

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दीपावली के उजालों के बाद आता है भाई दूज, जो भाई-बहन के अटूट स्नेह और सुरक्षा के रिश्ते का प्रतीक है। यह पर्व हर उस भावना को समर्पित है जो भाई को अपनी बहन की रक्षा करने और बहन को अपने भाई के दीर्घायु व सुखमय जीवन की कामना करने की प्रेरणा देता है।

 

शास्त्रों में वर्णित है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर मिलने गए थे। यमुना ने उनका बड़े प्रेम से स्वागत किया, तिलक लगाया, मिठाई खिलाई और उनके दीर्घायु की कामना की। यमराज ने प्रसन्न होकर कहा कि जो भी भाई इस दिन अपनी बहन से तिलक करवाएगा, उसे मृत्यु का भय नहीं रहेगा। तभी से यह परंपरा आरंभ हुई — जहाँ बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उसकी रक्षा की कामना करती हैं।

 

🔱 इस दिन क्या करें?

भाई दूज पर केवल तिलक और उपहार का लेन-देन ही नहीं, बल्कि ऊर्जा संतुलन और शुभता का संचार भी होता है। इसलिए इस दिन विशेष रूप से यह उपाय ज़रूर करें:

  • 🪔 दक्षिण दिशा में एक दीपक जलाएं – अपने घर की दक्षिण दिशा में अपने भाई के नाम का एक दीपक अवश्य जलाएं। यह दीपक न केवल आपके भाई के जीवन से अंधकार को दूर करता है, बल्कि उसके जीवन में आने वाली कठिनाइयों से सुरक्षा की ऊर्जा भी प्रदान करता है।
  • 🍬 भाई को बहन को उपहार देना चाहिए – भाई दूज पर भाई को अपनी बहन को उपहार स्वरूप कुछ अवश्य देना चाहिए। यह मात्र भेंट नहीं होती, बल्कि उस प्रेम, सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक है जो उनके रिश्ते को और अधिक पवित्र बनाता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा परिवार पर बनी रहती है और समृद्धि के द्वार खुलते हैं।

✨ अल्पना नरेन का विचार ✨

भाई दूज केवल एक रस्म नहीं, बल्कि वो भावना है जो हमें याद दिलाती है कि रिश्ते तब तक रोशन रहते हैं जब तक उनमें अपनापन और आशीर्वाद का दीप जलता रहे। — अल्पना नरेन

✨ निष्कर्ष

भाई दूज का यह पावन दिन हमें याद दिलाता है कि संबंधों की सच्ची शक्ति प्रेम और आशीर्वाद में होती है। इस दिन अपने भाई या बहन के लिए एक दीपक ज़रूर जलाएं, क्योंकि एक दीपक की रोशनी हजारों नकारात्मक शक्तियों को दूर करने की क्षमता रखती है।🪔

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