नई दिल्ली, विमेंस वर्ल्ड कप 2025 अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है, जहां अब तक तीन टीमें सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर चुकी हैं। शानदार प्रदर्शन, टीमवर्क और लगातार जीत ने इन टीमों को बाकी से अलग साबित किया है। टूर्नामेंट अब पूरी तरह रोमांच और रणनीति के शिखर पर पहुंच गया है, जहां हर मैच इतिहास रचने की क्षमता रखता है।
विमेंस वनडे वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल की 3 टीमें कन्फर्म हो गई हैं। वहीं बांग्लादेश की टीम नॉकआउट की रेस से बाहर हो चुकी है। सेमीफाइनल के लिए एक जगह खाली है, जिसके लिए भारत और न्यूजीलैंड मजबूत दावेदार है। वहीं पाकिस्तान और श्रीलंका के पास भी क्वालिफाई करने का मौका है।
श्रीलंका ने बांग्लादेश को बाहर किया सोमवार को श्रीलंका ने कोलंबो में बांग्लादेश को हरा दिया, इसी के साथ बांग्लादेश टीम टूर्नामेंट से बाहर हो गई। टीम को 6 मुकाबलों में एक ही जीत मिली, टीम अब भारत के खिलाफ आखिरी मैच जीतकर भी 4 पॉइंट्स तक ही पहुंच सकेगी। श्रीलंका और पाकिस्तान की टीमें भी 1-1 मैच हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो जाएगी।
भारत और न्यूजीलैंड मजबूत दावेदार भारत और न्यूजीलैंड की टीमें सेमीफाइनल में पहुंचने की मजबूत दावेदार हैं। दोनों के 5 मैचों में 4 पॉइंट्स हैं। भारत ने श्रीलंका और पाकिस्तान को हराया, लेकिन ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका से हार का सामना करना पड़ गया। दूसरी ओर, न्यूजीलैंड ने बांग्लादेश को हराया, लेकिन टीम ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका से हार गई। पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ टीम के मुकाबले बेनतीजा रहे। बेहतर रन रेट के कारण भारत चौथे और न्यूजीलैंड पांचवें नंबर पर हैं।
- भारत को सेमीफाइनल में एंट्री करनी है तो न्यूजीलैंड और बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी दोनों मैच जीतने ही होंगे। टीम बांग्लादेश को हराकर भी सेमीफाइनल में पहुंच सकती है। इसके लिए उन्हें न्यूजीलैंड के इंग्लैंड से हारने की दुआ करनी होगी, साथ ही अपना रन रेट भी न्यूजीलैंड से बेहतर रखना होगा। दोनों मैच हारने पर टीम इंडिया बाहर हो जाएगी।
- न्यूजीलैंड के 2 मैच भारत और इंग्लैंड के खिलाफ हैं। दोनों मैच जीतकर टीम सेमीफाइनल में एंट्री कर लेगी। एक मैच हारकर भी टीम नॉकआउट में पहुंच सकती है, उन्हें बस भारत के दोनों मैच हारने की दुआ करनी होगी। दोनों मैच हारने पर टीम बाहर हो जाएगी।
विमेंस वर्ल्ड कप का यह संस्करण महिला क्रिकेट की गुणवत्ता, प्रतिस्पर्धा और लोकप्रियता के नए युग को दर्शा रहा है। तीन टीमों के पहले ही सेमीफाइनल में पहुंच जाने से अब यह साफ हो गया है कि आगे के मुकाबले सिर्फ कौशल नहीं, बल्कि मानसिक मजबूती का भी इम्तिहान होंगे।