राजनाथ सिंह बोले — “सेना और पुलिस अलग, मिशन एक: राष्ट्रीय सुरक्षा”

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नई दिल्ली, 21 अक्टूबर 2025 । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर मंगलवार सुबह नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘मैंने खुद गृह मंत्री के रूप में काम किया है। मुझे पुलिस के कार्यों को करीब से देखने का अवसर मिला है। इसके अलावा, रक्षा मंत्री के रूप में, मुझे सेना की कार्रवाइयों को भी करीब से देखने का अवसर मिला है।’

उन्होंने आगे कहा- दुश्मन कोई भी हो, चाहे वह सीमा पार से आए या हमारे बीच छिपा हो, भारत की सुरक्षा के लिए खड़ा आदमी एक ही भावना से भरा है। राजनाथ सिंह ने कहा, सेना और पुलिस के मंच अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन उनका मिशन एक ही है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा है।’

राजनाथ बोले- 2047 के भारत के लिए पुलिस की भूमिका खास

राजनाथ सिंह ने कहा- आज त्याग को याद करने का दिन है। समाज और पुलिस दोनों एक-दूसरे पर निर्भर हैं। पुलिस बलों के कंधों पर पूरे समाज की जिम्मेदारी है। समाज और पुलिस के बीच संतुलन जरूरी है। इसके लिए नागरिकों को भी उत्तरदायी होना चाहिए।

राजनाथ सिंह ने आगे कहा- एक्सटर्नल सिक्योरिटी के लिए भी पुलिस जरूरी है। सेना और पुलिस देश के दो हिस्से हैं। सेना और पुलिस का मकसद एक ही है। जब हम 2047 के विकसित भारत के लिए तैयार हो रहे हैं, तब पुलिस की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।

राजनाथ बोले- अपराध के साथ पुलिस धारणाओं से भी लड़ रही

राजनाथ सिंह ने देश में होने वाले अपराधों पर भी बात की। उन्होंने कहा- पहले अपराध सिर्फ चोरी जैसे होते थे, अब अपराध में डिजिटल चोरियां भी शामिल हो गईं हैं।

राजनाथ सिंह का यह संदेश स्पष्ट है: चाहे सेना हो या पुलिस, सभी का मिशन एक है — भारत की सुरक्षा और जनता की सुरक्षा। उनकी इस बात से यह भी संकेत मिलता है कि सुरक्षा व्यवस्था में समन्वय, साझा संसाधन और तकनीकी सहयोग अब प्राथमिकता बन गई है।

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