दिवाली से पहले ही जहरीली हुई दिल्ली की हवा – बढ़ते प्रदूषण ने बिगाड़ा हालात

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नई दिल्ली, 18 अक्टूबर 2025 । दिवाली से पहले ही देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर प्रदूषण के ज़हर में घिर गई है। मौसम विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) कई इलाकों में 400 से ऊपर पहुंच गया है, जो ‘गंभीर श्रेणी’ में आता है। हालात इतने खराब हैं कि सुबह और शाम के समय हवा में धुंध और धुआं स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।

दिवाली से दो दिन पहले ही दिल्ली में प्रदूषण बढ़ गया है। राजधानी के कई इलाकों में AQI (एयर क्वाॅलिटी इंडेक्स) 350 से पार हो गया है। CPCB के मुताबिक शनिवार सुबह 8 बजे AQI 367 दर्ज किया गया। सबसे ज्यादा AQI 370 आनंद विहार में रहा, उसके बाद वजीरपुर में 328, जहांगीरपुरी में 324 और अक्षरधाम में 369 रहा।

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-I) लागू किया है। आयोग ने यह कार्रवाई क्षेत्र में AQI के 211 तक पहुंचने के बाद की गई।

इधर, दक्षिण भारत के तमिलनाडु और केरल में भारी बारिश जारी है। केरल में मुल्लापेरियार बांध का जलस्तर 137 फीट पार कर गया, जिसके कारण तीन गेट खोले गए, इससे निचले इलाकों में पानी भर गया।

कन्याकुमारी, तिरुनेलवेली, तेनकासी, तूतीकोरिन, विरुधुनगर, कांचीपुरम, चेन्नई, चेंगलपट्टू, तिरुवल्लूर, विल्लुपुरम, कुड्डालोर, तिरुवन्नामलाई और रानीपेट जिलों में भी तेज बारिश हुई।

GRAP-I लागू, N95 या डबल सर्जिकल मास्क पहनने की सलाह

GRAP-I तब सक्रिय होता है जब AQI 200 से 300 के बीच होता है। इसके तहत, एनसीआर में सभी संबंधित एजेंसियों को 27 निवारक उपायों को सख्ती से लागू किया जाना है। इनमें एंटी-स्मॉग गन का उपयोग, पानी का छिड़काव, सड़क निर्माण, मरम्मत परियोजनाओं और रखरखाव गतिविधियों में धूल नियंत्रण करना शामिल हैं।

गाजियाबाद के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. शरद जोशी ने बचाव के लिए सभी को बाहरी गतिविधियों के दौरान N95 या डबल सर्जिकल मास्क पहनने की सलाह दी है।

दिल्ली में दिवाली के अगले दिन कृत्रिम बारिश की तैयारी पूरी

तेजी से बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि दिल्ली में क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। सिरसा ने कहा चुनिंदा इलाकों में दिवाली के एक दिन बाद कृत्रिम बारिश कराई जा सकती है।

प्रदूषण की वजह पराली जलाना, इसे रोकने कानून भी बना

उत्तर और मध्य भारत में दिवाली के बाद पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस वजह से प्रदूषण बढ़ने की रफ्तार भी तेज होने लगती है। दिल्ली के सबसे नजदीक हरियाणा और पंजाब में सबसे ज्यादा पराली जलाई जाती है। 2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पराली जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इससे किसानों को पराली का सफाया करने में परेशानी होने लगी।

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