वाशिंगटन । 26 सितम्बर 25 । पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने गुरुवार देर रात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात की। बैठक से पहले ट्रम्प ने शहबाज को करीब 30 मिनट तक इंतजार कराया। इस दौरान ट्रम्प प्रेस कॉन्फ्रेंस करते रहे।
दरअसल PAK पीएम रात करीब 2 बजे व्हाइट हाउस पहुंचे थेे। उस वक्त ट्रम्प कार्यकारी आदेशों पर साइन कर रहे थे और पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
इस दौरान शहबाज व्हाइट हाउस में ही ट्रम्प का इंतजार करते रहे। बाद में दोनों के बीच करीब 1 घंटा 20 मिनट तक बैठक चली। यह मुलाकात व्हाइट हाउस में बंद कमरे में हुई। इस मीटिंग से मीडिया को दूर रखा गया।
व्हाइट हाउस की तरफ से ट्रम्प और शरीफ-मुनीर की बातचीत को लेकर कोई तस्वीर या वीडियो अब तक जारी नहीं की गई है। अमूमन अमेरिकी राष्ट्रपति जब किसी विदेशी नेता से मिलते हैं, तो व्हाइट हाउस आधिकारिक तस्वीरें जारी करता है।
ट्रम्प 3 दिन में दूसरी बार पाकिस्तानी PM से मिले
ट्रम्प और शहबाज के यह 3 दिन में दूसरी मुलाकात थी। इससे पहले दोनों नेताओं ने 23 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के दौरान मुलाकात की थी।
उस बैठक में कतर, तुर्की, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, मिस्र, UAE और जॉर्डन के नेता भी शामिल थे। उस दौरान गाजा जंग रोकने पर बात हुई थी।
शहबाज शरीफ की किसी अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ ओवल ऑफिस में पहली मुलाकात थी। पाकिस्तान के किसी पीएम अमेरिकी राष्ट्रपति से 6 साल बाद मुलाकात हुई है। इससे पहले जुलाई 2019 में इमरान खान और ट्रम्प के बीच बैठक हुई थी।
ट्रम्प ने शहबाज को महान नेता बताया
बैठक से पहले पत्रकारों से बात करते हुए ट्रम्प ने कहा कि व्हाइट हाउस में एक ‘महान नेता’ आ रहा है।
भारत के लिए इस मुलाकात के मायने?
यह मुलाकात भारत के लिए अहम है, क्योंकि अमेरिका और पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकी से भारत-अमेरिका रिश्तों में तनाव आ सकता है। ट्रम्प ने भारत पर ऊंचे टैरिफ और वीजा नियमों को लेकर सख्ती की है, जिससे भारत नाराज है।
हाल के समय में अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार देखने को मिला है। ट्रम्प और शहबाज के बीच रिश्तों में भी में गर्मजोशी देखने को मिली है।
ट्रम्प का यह दावा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया, भारत दावे को कई बार खारिज कर चुका है। इसके चलते भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव भी देखने को मिला।
दूसरी तरफ, पाकिस्तान ने ट्रम्प की इस कोशिश की तारीफ की है और उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया है।