ब्रिटेन संसद में 2 सांसदों ने भगवद गीता पर हाथ रख कर ली शपथ: शिवानी राजा और बॉब ब्लैकमन

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ब्रिटेन की संसद में हाल ही में दो सांसदों, शिवानी राजा और बॉब ब्लैकमन ने भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ ली। यह घटना भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं की गहरी पहचान को दर्शाती है और ब्रिटेन में विविधता और बहुलता के प्रति सम्मान को भी प्रकट करती है।

प्रमुख बिंदु

  1. शिवानी राजा और बॉब ब्लैकमन: ब्रिटेन की संसद में शिवानी राजा और बॉब ब्लैकमन ने सांसद के रूप में शपथ ग्रहण करते समय भगवद गीता पर हाथ रखा। शिवानी राजा ब्रिटिश भारतीय समुदाय की प्रतिनिधि हैं और बॉब ब्लैकमन भारतीय संस्कृति के प्रति अपने समर्थन और सम्मान के लिए जाने जाते हैं।
  2. भगवद गीता का महत्व: भगवद गीता हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथ है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहन शिक्षाएं देता है। इसे शपथ के लिए चुनना न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों का भी प्रतिबिंब है।
  3. सांस्कृतिक विविधता: यह घटना ब्रिटेन की सांस्कृतिक विविधता और विभिन्न समुदायों के प्रति उसकी स्वीकृति को दर्शाती है। विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का सम्मान ब्रिटिश समाज के समावेशी दृष्टिकोण को प्रकट करता है।

जनता की प्रतिक्रिया

ब्रिटेन और भारत दोनों ही देशों में इस घटना की व्यापक सराहना हो रही है। ब्रिटिश भारतीय समुदाय इसे अपनी सांस्कृतिक पहचान और परंपराओं के प्रति सम्मान के रूप में देख रहा है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस कदम की तारीफ की और इसे सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक माना।

सांसदों का बयान

शिवानी राजा और बॉब ब्लैकमन ने अपने बयानों में इस बात पर जोर दिया कि भगवद गीता पर शपथ लेना उनके लिए एक सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि यह न केवल उनकी व्यक्तिगत आस्था को दर्शाता है बल्कि उन मूल्यों को भी उजागर करता है जिन्हें वे अपने राजनीतिक जीवन में अपनाना चाहते हैं।

निष्कर्ष

ब्रिटेन की संसद में भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ लेना एक महत्वपूर्ण घटना है जो सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को मान्यता देती है। यह घटना भारतीय समुदाय के लिए गर्व का विषय है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसका सकारात्मक संदेश जाता है। शिवानी राजा और बॉब ब्लैकमन का यह कदम ब्रिटेन में भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों और उसकी व्यापक स्वीकृति का प्रतीक है।

आशा है कि यह घटना और अधिक सांस्कृतिक और धार्मिक सद्भावना को प्रोत्साहित करेगी और विविधता में एकता की मिसाल बनेगी। ताजा अपडेट्स और खबरों के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।

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