ओडिशा: पुरी में आयोजित दो दिवसीय भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा 2024 के दूसरे दिन रथ यात्रा शुरू हुई
पुरी, ओडिशा: ओडिशा के पुरी में आयोजित भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा के दूसरे दिन का भव्य आयोजन एक बार फिर श्रद्धालुओं और भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना। यह रथ यात्रा 2024 की विशेषताएं और भी अधिक उत्साहपूर्ण और उत्सवपूर्ण रही।
रथ यात्रा के दूसरे दिन, भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के विशाल रथों को खींचने के लिए हजारों भक्तों का हुजूम उमड़ा। यह यात्रा पुरी के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक की दूरी तय करती है, जो करीब तीन किलोमीटर है।
भक्तों ने अपने प्रिय देवताओं के दर्शन के लिए रथों को खींचते समय “जय जगन्नाथ” के जयकारों से आकाश को गूंजायमान कर दिया। रथ यात्रा के दौरान पूरे मार्ग को रंग-बिरंगी झंडियों और फूलों से सजाया गया, जिससे यह दृश्य और भी अद्भुत और आनंदमय हो गया।
यात्रा के दूसरे दिन, रथों को खींचने की परंपरा में भाग लेने के लिए विभिन्न समुदायों और संगठनों के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस आयोजन में स्थानीय निवासियों के साथ-साथ देश-विदेश से आए पर्यटकों ने भी भाग लिया, जिससे यह आयोजन और भी विशेष बन गया।
भगवान जगन्नाथ की इस रथ यात्रा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह आयोजन न केवल भगवान जगन्नाथ के प्रति भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह रथ यात्रा सदियों से चली आ रही है और हर वर्ष इसे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
ओडिशा सरकार और स्थानीय प्रशासन ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए विशेष प्रबंध किए थे। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे ताकि भक्तजन बिना किसी चिंता के अपनी भक्ति प्रकट कर सकें। यात्रा मार्ग पर चिकित्सा सुविधाएं और पेयजल की व्यवस्था भी की गई थी।
रथ यात्रा के इस दूसरे दिन ने श्रद्धालुओं के दिलों में नई उमंग और उत्साह भर दिया है। भगवान जगन्नाथ के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा प्रकट करने के इस अनूठे अवसर ने सभी को आध्यात्मिक सुख और शांति का अनुभव कराया।
इस प्रकार, पुरी में आयोजित भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 2024 के दूसरे दिन का यह आयोजन भक्तों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा और इसने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व को एक बार फिर से उजागर किया।